क्रांति कुमार महाविद्यालय ने राज भाषा हिंदी दिवस मनाया…
ब्लाक रिपोर्टर सक्ती- उदय मधुकर
हिंदी दिवस के हीरक जयंती पर्व पर भी समृद्धशाली हिंदी को राष्ट्र भाषा घोषित न हो पाना चिंतनीय… अधिवक्ता चितरंजय पटेल, मुख्य अतिथि
देश में सर्वाधिक तथा विश्व में तीसरे स्थान प्राप्त समृद्धशाली हिंदी को राष्ट्र भाषा का दर्जा नहीं मिल पाना सोचनीय है, यह उद्गार राष्ट्रीय हिन्दी दिवस के हीरक जयंती पर्व पर शहीद क्रांति कुमार महाविद्यालय द्वारा हिंदी दिवस पर उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने मुख्य अतिथि के आसंदी व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी हमारे भाव और विचारों के संप्रेषण का माध्यम है और हिंदी सर्वाधिक देशवासियों के बोलचाल की भाषा है इसलिए हिंदी दिवस पर इसके गौरव व सम्मान की बात होनी चाहिए तथा हमें हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का संकल्प लेना चाहिए।
हिंदी पत्रकारिता और आकाशवाणी से जुड़े योम लहरे ने आयोजन की तारीफ करते हुए कहा कि हिंदी को राजभाषा से राष्ट्रभाषा घोषित कराने हम सबको अपने स्तर पर प्रयास करना जरूरी है तभी हमारी मातृभाषा को उसका वाजिब हक मिल सकेगा।
हिंदी विभाग के प्रोफेसर टी पी टंडन ने हिंदी को राजभाषा बनाने के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब तक देशवासियों के इच्छा शक्ति की कमी के कारण हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान नहीं मिल सका।
हिंदी प्राध्यापक संतोष जांगड़े ने विद्यार्थियों को बोलचाल की भाषा में हिंदी के प्रचलन पर जोर दिया।
डा ज्योति कुशवाह ने हिंदी दिवस की सार्थकता पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हिंदी को समृद्ध भाषा बताया और कहा कि वैश्विक युग में अंग्रेजी एक भाषा हो सकती है पर भारतीय राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी के अलावा अन्य भाषा को स्वीकार ही नहीं किया जा सकता।
महाविद्यालय के प्राचार्य डी पी पाटले ने भारतीय भाषा हिंदी को समृद्ध भाषा बताते हुए बताया कि हिंदी बहुत सारी भाषाओं के लफ्जों को आत्मसात कर समृद्धिशाली भाषा है।
कार्यक्रम का सफल संचालन प्राध्यापक सोमेश घितौड़े एवम महेंद्र यादव ने किया तो वहीं आभार प्रदर्शन करते हुए प्राध्यापक हेमपुष्पा चंद्रा ने कार्यक्रम के अभ्यगतो से भविष्य में भी आशीर्वाद बनाए रखने का आग्रह किया। आज कार्यक्रम में मीडिया के लोगों एवम् डा श्रुति तिवारी, डा अर्चना चंद्रा,प्रो दर हरिशंकर, प्रो ऋतु पटेल, प्रो ज्योति यादव, प्रो सीमा साहू, प्रो विद्या राय सागर, जी एस मैत्री विद्यार्थियों की गरिमामय उपस्थिति रही।